India now a $4-trn economy, overtakes Japan to become 4th largest | Ankit Agrawal Study IQ

नमस्कार दोस्तों। दोस्तों, पिछले काफी समय से चर्चा चल रही थी कि क्या भारत फोर्थ लार्जेस्ट इकॉनमी बन गया है पूरे दुनिया में। देखिए अभी तक क्या था कि अनकंफर्म्ड रिपोर्ट्स थी। कोई भी ऑफिशियल जो इंफॉर्मेशन है वो सरकार की तरफ से नहीं दी गई थी। लेकिन फाइनली कल जाकर जो है यहां पर भारत सरकार ने क्लियर कर दिया है कि भारत बन चुका है फोर्थ लार्जेस्ट इकॉनमी। और हमने जापान को पीछे छोड़ दिया। आप देख सकते हो खबर इंडिया बिकम्स वर्ल्ड्स फोर्थ लार्जेस्ट इकॉनमी ओवरटेकिंग जापान नीति आयोग सीईओ। तो इसको थोड़ा सा डिटेल में समझेंगे और जानने की कोशिश करेंगे कि इसके पीछे का क्या कारण रहा? जापान क्यों पीछे हो गया? और इससे भी इंपॉर्टेंट चीज क्या फोर्थ लार्जेस्ट इकॉनमी बनने का मतलब क्या हम जापान से भी आगे बढ़ गए हैं? मतलब एक्चुअल में ये फोर्थ लार्जेस्ट इकॉनमी बनने का मतलब क्या है? भारत के लिए क्या मायने हैं? वो सब कुछ मैं आपको डिटेल से बताऊंगा। चलिए आगे बढ़ते हैं। लेकिन उससे मैं आपको बोल रहा था कि ऑफिशियली भारत ने जापान को ओवरटेक कर लिया है और हम बन गए हैं फोर्थ लार्जेस्ट इकॉनमी और यह स्टेटमेंट आया है नीति आयोग के जो सीओ हैं बी वी आर सुब्रमण्यम जी के द्वारा। और यह जो डेवलपमेंट है यह हिस्टोरिक है। नो डाउट भारत के लिए एक मेजर माइलस्टोन है और कहीं ना कहीं दिखाता है कि ग्लोबल स्टेज पर भारत का जो इकोनॉमिक स्ट्रेचर है वो कितने तेजी से बढ़ता जा रहा है। तो देखिए यहां पर आप देख पाओगे जो बीवीआर सुब्रमण्य हैं उन्होंने यहां पर बताया कि 10थ गवर्निंग काउंसिल मीटिंग के दौरान जो नीति आयोग की मीटिंग हुई थी उसके अंदर बताया गया कि कैसे आईएमएफ का जो डाटा है जो लेटेस्ट डाटा आया है उसने फाइनली कंफर्म कर दिया है कि भारत जापान से भी आगे निकल गया है और यहां पर अगर आप ध्यान से देखोगे अच्छा ध्यान रखिएगा यहां पर नॉमिनल जीडीपी की हम बात कर रहे हैं। एक आपने सुना होगा परचेसिंग पावर पैरिटी वो एक अलग है। हम बेसिकली नॉमिनल जीडीपी के टर्म्स पे देखते हैं। तो यहां पर ऑब्वियस सी बात है सबसे बड़ी इकॉनमी दुनिया की वो है अमेरिका। 28 ट्रिलियन वि इज ह्यूज। इसके बाद आता है चाइना का नंबर। चाइना भी बहुत तेजी से आगे बढ़ा है। लेकिन अभी भी अमेरिका से काफी पीछे है और इसका नंबर है 18 ट्रिलियन। जर्मनी काफी पीछे हो जाता है। मतलब यहां पर अगर आप फर्स्ट सेकंड को छोड़ दो तो थर्ड नंबर में सारे जो देश हैं वो काफी पीछे हैं। और जर्मनी है 4.5 ट्रिलियन। और यहां पर अब आप देखोगे भारत और जापान के बीच में बहुत माइनर डिफरेंस देखने को मिलेगा। जापान जो है वह है आपका 4.186 ट्रिलियन और भारत अब पहुंच गया है 4.187 ट्रिलियन। ठीक है? तो ये थोड़ा सा देखना होगा कि कहीं हम मिस्टेक ना कर दें। कहीं वापस से अचानक से कुछ ऐसा ना हो जाए कि भारत की जो जीडीपी ग्रोथ है वो कम हो जाए। अदरवाइज जो हम अभी बढ़ोत बढ़ोतरी हासिल किए हैं वो हो सकता है कि हम नीचे भी आ सकते हैं कुछ समय के लिए। मतलब यहां पर जो हमारी रफ्तार है उसको मेंटेन करके चलना है। खैर क्वेश्चन अब ये आता है कि भारत का जो इकोनॉमिक एसेंट है इसके पीछे का कारण क्या है? कैसे हम फोर्थ लार्जेस्ट बने हैं? देखो एक तो क्या है कि लगातार हमारी जो जीडीपी ग्रोथ रेट है वो बढ़ते जा रही है। आईएमएफ ने प्रेडिक्ट किया है कि 2025 में 6.2% होने वाली है। 2026 में 6.3% होने वाली है। व्हिच अगर आप देखोगे मेजर इकॉनमीज़ में हम सबसे फास्टेस्ट ग्रोइंग है। 2023-24 में तो ये और ज्यादा था। 7.6% और अभी दो-चार दिन में जो फोर्थ क्वार्टर जीडीपी का नंबर है वो भी आने वाला है। मतलब जनवरी, फरवरी, मार्च का जो आंकड़ा है वो भी हमारे सामने प्रेजेंट हो जाएगा। तो एक तो हमारी जीडीपी ग्रोथ बढ़ रही है। दूसरा यहां पर क्या है कि जो डोमेस्टिक रिफॉर्म्स है वो कई सारे अपनाए गए हैं। जो हमारी इकॉनमी है उसको फॉर्मलाइज किया जा रहा है। क्या होता है ना कि कोई भी अगर इकॉनमी में ज्यादा इनफॉर्मल स्ट्रक्चर है। ब्लैक मार्केट मान लो अगर थोड़ा सा ज्यादा होता है तो वो आपका फॉर्मल इकॉनमी में काउंट नहीं हो पाता। तो अगेन यहां पर आपको समझना है कि जीएसटी हो गया, आधार लिंकेज हो गया, डिजिटल पेमेंट हो गया। इससे हम और ज्यादा फॉर्मलाइज हो रहे हैं। जिसकी वजह से हमारे जीडीपी के नंबर्स में आपको बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इसके अलावा कॉर्पोरेट टैक्स रिफॉर्म, लेबर लॉ रैशनलाइजेशन, पीएलआई स्कीम्स बहुत सारी चीजें हैं। इसके साथ-साथ डेमोग्राफी देखो ये तो बहुत इंपॉर्टेंट है। अभी भी हम बहुत यंग कंट्री है। कहीं ना कहीं इसे इसका हमें फायदा उठाने की कोशिश करनी चाहिए। स्किल प्रोवाइड करना चाहिए। ये अपॉर्चुनिटी हमें मिस नहीं करना है क्योंकि चाइना ने बढ़-चढ़कर इसका काफी इस्तेमाल किया था। फिर इसके बाद है एक्सपोर्ट और सर्विज में जो बूम चल रहा है भारत का आईटी, फार्मासटिकल, सर्विस एक्सपोर्ट ये सब काफी मजबूत आपको देखने को मिलेंगे। फिर इसके अलावा आप देख रहे होंगे लगातार हम फ्री ट्रेड एग्रीमेंट करने की कोशिश कर रहे हैं। चाहे यूरोप है, यूएई है, ऑस्ट्रेलिया है और इसके साथ-साथ बहुत जल्द हो सकता है अमेरिका के साथ हमारा कुछ एग्रीमेंट हो जाए। वो देखने वाली बात होगी। तो इससे हमारा जो एक्सपोर्ट है वो और ज्यादा बढ़ेगा और इसकी वजह से अल्टीमेटली होता क्या है कि जब आपका मैइकोनॉमिक पिक्चर अच्छा होता है तो ज्यादा एफडीआई आता है। जो निवेशक हैं वो आपके देश के ऊपर ज्यादा भरोसा करते हैं और कहीं ना कहीं ये भी एक बड़ा कारण बन जाता है। जितना एफडीआई आएगा उतना मैन्युफैक्चरिंग में लगेगा, सर्विसेज में लगेगा और हमारी जीडीपी ग्रो हो पाएगी। तो ये सब कारण की वजह से भारत आगे बढ़ रहा है। जापान के पीछे होने का कारण क्या है? दो तीन मेन चीजें हैं। सबसे पहला है डेप्रिसिएशन। क्या होता है ना जब हम जीडीपी के नंबर्स को देखते हैं तो वो क्या है? डॉलर्स के टर्म में देखते हैं ना कि 4.1 ट्रिलियनर इस तरह से देखते हैं। राइट? तो यहां पर वो आपकी जो लोकल करेंसी है उससे उसको डॉलर में कन्वर्ट किया जाता है। तो ऑब्वियस सी बात है अगर आपकी करेंसी वीक होगी डेप्रिसिएट होगी मतलब डॉलर के टर्म में आपकी जीडीपी नीचे चली जाएगी। तो यहां पर अगर आप देखोगे जो जैपनीज यन है 2022 के पहले मतलब 2022 वगैरह में आप देख सकते हैं क्लियरली $1 इक्वल्स टू ये करीब 110 105 इस तरह से चल रहा था जैपनीजन लेकिन आज के डेट में स्थिति ये है कि ये 140 से ज्यादा है $1 इक्वल्स टू मोर देन 140 एन एक समय था ये तो 160 की तरफ जा रहा था 150 से ऊपर था तो इसकी वजह से भी क्या है कि जापान की जो जीडीपी है वो थोड़ी सी नीचे आई है बिकॉज़ उनकी करेंसी काफी वीक हुई है फिर दूसरा है स्टैगेंट ग्रोथ। अगर आप देखोगे पिछले तीन सा 3 दशक से 1993 से लेकर अभी तक आप देखिए तो उनकी पूरी की पूरी इकॉनमी ही एकदम स्टैग्नेंट रही है। मतलब ऑलमोस्ट 0% ग्रोथ रही है। तो आप सोच सकते हो 90ज में उनकी जीडीपी कितनी पहुंच गई थी। वो तो क्या हुआ कि उनके ओल्ड एज पॉपुलेशन की वजह से यहां पर क्या है कि लेबर फोर्स नहीं है उतना। तो वो जीडीपी में कंट्रीब्यूट नहीं कर पाते। एंड जिसकी वजह से उनकी ग्रोथ नहीं हो रही है। ठीक है? तो ये एक बड़ा कारण है जिसकी वजह से जापान जो है वो पीछे जाता जा रहा है। फिर इसके अलावा स्ट्रक्चरल चैलेंजेस हैं कई सारे लो बर्थ रेट, लेबर शॉर्टेजेस, इमीग्रेशन लिमिटेड है। तो बहुत सारे कारणों की वजह से जापान का जीडीपी ग्रोथ पीछे हो रहा है। अच्छा इसका भारत के लिए, जापान के लिए और पूरी दुनिया के लिए क्या मायने हैं वो देख लेते हैं। देखो भारत के पर्सपेक्टिव से अगर हम देखें तो भारत का जियोपॉलिटिकल और फाइनेंशियल क्लाउड दुनिया के बड़े-बड़े इंस्टीटश में चाहे G20 हो, bricks, हो, आईएमएफ हो वहां पर बढ़ेगा। इसके अलावा इन्वेस्टर सेंटीमेंट बढ़ेगा जिसकी वजह से और ज्यादा एफडीआई भारत के अंदर आएगा। इसके साथ-साथ भारत का जो नेगोशिएशन नेगोशिएटिंग पोजीशन होता है ट्रेड में क्लाइमेट डिस्कशंस में वो भी बढ़ेगा और कहीं ना कहीं पीएम मोदी जी का जो एम है विकसित भारत का 20047 तक उसको भी पुश करने की कोशिश करेगा। जापान का जहां तक सवाल है तो देखो जापान में डीप इकोनॉमिक रिफॉर्म्स की आवश्यकता है। करेंसी स्टेबल करने की आवश्यकता है। इमीग्रेशन पॉलिसी में परहैप्स बड़ा बदलाव करने की आवश्यकता है ताकि ज्यादा लेबर फोर्स जापान में आ सके और वहां पर काम कर सके। तो ये एक बड़ी चीज है। ग्लोबल इकॉनमी के लिए देखिए ये एक साफ-साफ इंडिकेशन है कि जो पावर है वो एशिया की तरफ शिफ्ट हो रहा है। अभी तक तो चाइना एक बड़ी इकॉनमी था। सबसे बड़ी इकॉनमी था पूरे एशिया में। लेकिन अब भारत भी एक नए पोल की तरह इमर्ज हो रहा है और कहीं ना कहीं आपको समझना है कि जो चर्चा चल रही थी कि क्या हम चाइना के इतने बड़े जीडीपी की वजह से ओवर शैडो हो जाएंगे तो ऐसा नहीं है। भारत भी पूरी तरह से कोशिश कर रहा है कि अपनी जगह बनाएं और जो मल्टीीनेशनल कॉपोरेशन है आपने देखा होगा Apple हो गया बहुत सारे कंपनीज़ वो भी अपने आप को डवर्सिफाई कर रहे हैं चाइना से। चाइना प्लस वन की स्ट्रेटजी अपना रहे हैं और उसमें भारत सबसे फेवरेट आपको डेस्टिनेशन देखने को मिलेगा। खैर ये तो हमने चर्चा कर ली। चलो अच्छी बात है। फोर्थ लार्जेस्ट बन गए। लेकिन फोर्थ लार्जेस्ट बनने का मतलब क्या है? क्या हम डेवलप्ड हो गए हैं? क्या हम डेवलपमेंट में बहुत अच्छा कर रहे हैं? क्या हम जापान से बेटर कर रहे हैं? ऐसा नहीं है। यहां पर आपको समझना है कि अगर हमारी जीडीपी बढ़ रही है दैट डजंट मीन कि हम डेवलपमेंट भी बहुत अच्छे से कर रहे हैं। हमारे देश की प्रोस्पेरिटी भी बहुत अच्छे से हो रही है। वेल्थ डिस्ट्रीब्यूशन भी अच्छे से हो रहा है। ऐसा नहीं है। यहां पर आपको समझना है कि नॉमिनल जो जीडीपी होता है ये हमारे इकोनमी के साइज को दिखाता है। हर एक व्यक्ति का कितना डेवलपमेंट हो रहा है वो किसी भी देश के अंदर मायने रखता है। मैं आपको जस्ट एक एग्जांपल बताता हूं। क्योंकि हमने जापान को पीछे छोड़ा है। आप सोच के देखो हमारे यहां पर पर कैपिटा जीडीपी कितना है? हार्डली $880 $880 आपको पता है जापान में पर कैपिटा हर एक पर्सन की एवरेज इनकम कितनी है? 34,000 ऑलमोस्ट $34,000 सोच के देखो। इसका मतलब यह हुआ एक एवरेज जापानी जैपनीज़ सिटीजन भारत के एवरेज सिटीजन से 12 गुना ज्यादा कमाता है। 12 गुना ज्यादा प्रॉस्पर आप भी आप कह सकते हो। तो कहीं ना कहीं इससे आपको समझना होगा कि फोर्थ लार्जेस्ट बन गए। इसका हमें गुणगान मतलब ठीक है चलो अच्छी बात है। लेकिन जापान से अभी हम बहुत पीछे हैं। एक्चुअल मायने में अगर आप देखोगे तो हम बहुत पीछे हैं। वो तो हमारे देश के अंदर पॉपुलेशन इतनी है ना। आप सोचो जापान के पापुलेशन 123 मिलियन हमारी है 1.4 बिलियन तो टोटल नंबर्स आप देखोगे तो लगेगा अरे वाह कितना अच्छा है लेकिन एक्चुअल में रियलिटी यहां पर आपको समझने की जरूरत है। अच्छा क्वालिटी ऑफ लाइफ को आप कंपेयर कर लो ना डेवलपमेंट डेफिसिट कितना है जापान और भारत में आप सोचिए हेल्थ केयर की बात करें यूनिवर्सल हेल्थ केयर है वहां पर हाई लाइफ एक्सपेक्टेंसी है 84 इयर्स हर एक एवरेज जापनीज सिटीजन जीता है। आप वहां के अगर पब्लिक टॉयलेट का एग्जांपल ले लेंगे ना और कंपेयर कर लेंगे भारत से। उसी से आपको समझ में आ जाएगा कि कौन सा देश बेहतर है। जापान के पब्लिक टॉयलेट्स अपने आप में वो दिखाते हैं कि वहां के लोगों का कल्चर कैसा है। वहां के लोग साफ सफाई पर कितना फोकस करते हैं। जिसकी वजह से हेल्थ केयर जो है उनका काफी बेटर रहता है। इसके अलावा एजुकेशन ऑलमोस्ट 100% लिटरेसी है। रिसर्च इंस्टीट्यूशन एडवांस आपको देखने को मिलेंगे। रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर स्पेंडिंग आप देखिए 3% ऑफ जीडीपी से ज्यादा करते हैं वो। इंफ्रास्ट्रक्चर वहां पर हाई स्पीड रेल है, मॉडर्न अर्बन प्लानिंग है। इसके अलावा एफिशिएंट पब्लिक सर्विज है। भारत की अगर हम बात करें हमारे यहां पर रूरल एरियाज में स्पेशली लिमिटेड एक्सेस आपको देखने को मिलेगा। गवर्नमेंट की स्पेंडिंग कितनी है? हेल्थ केयर पर हार्डली 1.2% ऑफ जीडीपी। एजुकेशन आप देख सकते हैं। पब्लिक स्कूल में स्पेशली लर्निंग आउटकम्स बहुत कम है। मतलब पब्लिक स्कूल में कितना फोकस किया जाता है। जो बच्चा पब्लिक स्कूल से सरकारी स्कूल से पास हो रहा है। ठीक है? उसमें से कुछ एक्सेप्शन होते हैं। बहुत अच्छा करते हैं। अच्छी बात है। लेकिन ओवरऑल कंडीशन उतनी अच्छी नहीं है। हम सब जानते हैं। रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर हार्डली हम 1% ऑफ जीडीपी से भी कम खर्चा करते हैं। अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर धीरे-धीरे बढ़िया हो रहा है। रोड्स वगैरह अच्छी बन रही है। अच्छी बात है। लेकिन स्लम्स, ट्रैफिक कंजशन, पुअर पब्लिक ट्रांसपोर्ट बहुत सारे प्रॉब्लम्स आपको अभी भी हमारे देश में देखने को मिलेंगे। तो क्वेश्चन यही है कि आगे क्या? फ्यूचर आउटलुक क्या है? देखो क्या है ना कि हम थर्ड लार्जेस्ट इकॉनमी बन सकते हैं बहुत जल्द। कब? यहां पर जो सुब्रमण्यम साहब हैं नीति आयोग के सीईओ उन्होंने कहा है कि जर्मनी को हम अगले ढाई से 3 साल में पीछे छोड़ देंगे और आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक का जो फॉरकास्ट है डाटा है वो कहीं ना कहीं इसकी तरफ इशारा करता है। कुछ रिस्क भी हैं ऑब्वियस सी बात है। अगर मान लो ग्लोबली कुछ रिसेशन आ गया क्रूड ऑयल के प्राइसेस बढ़ गए तो हमारे इकोनॉमिकली नेगेटिव हो सकता है। डोमेस्टिक इश्यूज हैं। अनइंप्लॉयमेंट हमारे यहां बढ़ने नहीं देना है। इनकम इनकलिटी उसको भी बढ़ने नहीं देना है। इनफ्लेशन हो गया। बहुत सी चीजों पर फोकस करना है। और फोकस किस पर चाहिए? इंफ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन, हेल्थ केयर जिसकी वजह से हम लॉन्ग टर्म ग्रोथ अच्छा कर पाएंगे। तो ये पूरा वीडियो था दोस्तों पूरा एनालिसिस था। आई होप कि आपको अच्छे से डिटेल में समझ में आया होगा और जाने से पहले एक बहुत ही इंटरेस्टिंग क्वेश्चन। क्या आप बता सकते हो नॉमिनल जीडीपी इनमें से कौन सा ऑप्शन सबसे अच्छे से डिस्क्राइब करता है? इसका राइट आंसर आप

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41 Comments

  1. Throw out all the illegal migrants and gdp will improve manyfold plus govt expenditure will be directed to real needy ppl n not boat bank

  2. Nothing happens overnight. GDP per capita is not reached yet but we are in the right direction. For the people who question this check how in record time India grew. We are surrounded by extrimists which does take away our focus. Check US, China, Japan, UK, Germany never had troubled neighbors. So it's a positive note and going in right direction. If you want gdp per capita to increase try following all tax laws, be a business owner and generate services than working in a MNC. So it's in yours and my hands to improve.. Not just the govt responsibility

  3. It has two perspective ,
    if we compare with our past years, we are really doing great.
    But on the other hands we need to work on alot of things( infrastructure, transport, AI innovations, public health, education, population control, civic sense etc.)

  4. Just be happy because we r better than yesterday, that will make us great one day. Y every focus on per capita. Just celebrated on our growth. Low per capita means low labour cost huge scope to become a manufacturing hub ❤🔥🔥

  5. But it's also a fact that Japan doesn't have its own army, which saves a lot of money. We have robust army, navy and airforce to counter Chinese, Pakistani and Bangladeshi armies