India became fourth largest economy : Japan को पीछे छोड़ चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बना भारत। PM Modi

वी प्रोवाइड यू द प्लेटफार्म टू टर्न योर ड्रीम्स इनू रियलिटी गिविंग्स टू योर एस्पिरेशंस विद के आर मंगलम यूनिवर्सिटी। भारत और जापान को पछाड़ कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकॉनमी बन गया है। आज के समय भारत 4000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था है। जाहिर है इससे अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की भूमिका बदलने वाली है और साथ ही इसका असर देश के आम लोगों की जिंदगी पर भी होगा। आने वाले 5 साल में मोदी का गारंटी है देश पहले तीन वैश्विक इकॉनमी में अपना जगह ले लेगा। भारत उस रेस में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है जिसमें हम कई विकसित अर्थव्यवस्थाओं को पीछे छोड़ सकते [संगीत] हैं। दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर भारत ने रचा इतिहास। जापान को पीछे छोड़ा। अब जर्मनी की बारी। 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बना हिंदुस्तान। भारत ने कितना बड़ा मुकाम हासिल किया है यह आपको समझाएंगे। लेकिन उससे पहले हम आपको उस पाकिस्तान का हाल सुनाते हैं जो भारत से मुकाबले का सपना देखता है। और कहा जा रहा है कि दुनिया भर में कटोरा लेकर घूमने वाले पाकिस्तान को हिंदुस्तान से कुछ सीखना चाहिए। दरअसल भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकॉनमी बन गया है। भारत ने जापान जैसे देश को पीछे छोड़ दिया है। वी आर द फोर्थ लार्जेस्ट इकॉनमी एस आई स्पीक वी आर अ फोर ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी एस आई स्पीक एंड दिस नय डेटा दिस इज़ आईएमएफ डेटा इंडिया टुडे इज लार्जर देन जापान तो इट्स ओनली यूनाइटेड स्टेट्स चाइना एंड जर्मनी व्हिच आर लास्ट 2024 तक भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था लेकिन अब भारत आधिकारिक रूप से चौथे पायदान पर आ चुका है। अप्रैल में छपी आईएमएफ की वर्ल्ड इकॉनमी आउटलुक रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2026 के लिए भारत की नॉमिनल जीडीपी लगभग 4187.017 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। यह जापान की संभावित जीडीपी से थोड़ा अधिक है। जिसका अनुमान 4186.431 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। भारत अब दुनिया की चौथी अर्थव्यवस्था बन चुका है। पहले भारत पांचवी अर्थव्यवस्था थी लेकिन अब चौथी अर्थव्यवस्था बन चुका है। ऐसा कहना है बीबीआर सुब्रमण्यम जो कि नीति आयोग के सीईओ हैं। जाहिर तौर पर जिस तरह से भारत लगातार तरक्की कर रहा है उसमें जिस तरह से मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स और मैन्युफैक्चरिंग सिस्टम्स भारत में बढ़ते जा रहे हैं वो देश को आगे लेकर के जा रहे हैं। अब भारत के आगे अमेरिका, चीन और जर्मनी होगा। ऐसा माना जा रहा है कि ढाई से तीन साल में भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बन सकता है। खासतौर पे जर्मनी चाइना को अगर पिछड़ा पछाड़ देता है तो आने वाले समय में भारत की अर्थव्यवस्था और तेजी से आगे बढ़ते हुए नजर आएगी। नीति आयोग के सीओ ने कहा है कि अगर हम अपनी योजना और नीतियों पर कायम रहे तो अगले ढाई से 3 साल में जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। आईएमएफ के डाटा भी संकेत दे रहे हैं कि अर्थव्यवस्था की रेस में भारत दो से ढाई साल में जर्मनी को पीछे छोड़ देगा। सबसे अहम बात यह है कि भारत ने चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था पुणे का मुकाम तब हासिल किया जब दुनिया भर की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं धीमी गति से चल रही हैं। भारत विश्व की ना सिर्फ तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है बल्कि भारत उस रेस में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है जिसमें हम कई विकसित अर्थव्यवस्थाओं को पीछे छोड़ सकेंगे। अब यहां हमारे लिए यह समझना जरूरी है कि दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बनना क्यों अहम है और इसका क्या प्रभाव पड़ेगा। इससे वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति मजबूत होगी। अंतरराष्ट्रीय मंचों जैसे G20 और आईएमएफ में भारत का प्रभाव बढ़ेगा। वहीं भारत पर विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा। भारत में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट में और वृद्धि होगी। चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद भारत ने ग्लोबल इकोनमिक लीडरशिप की ओर कदम बढ़ा दिया है। जापान को ओवरटेक करते हुए अब हम 4.189 तक पहुंच गए हैं। ट्रिलियन डॉलर्स में अगर बात की जाए हमारे आगे अब सिर्फ जर्मनी, चाइना और अमेरिका है। मेरे अनुमान के हिसाब से इसको दो ढाई वर्ष तक हम पूरा कर लेंगे। यह डिपेंड करेगा कि जर्मनी की अर्थव्यवस्था किस रफ्तार से बढ़ती है और रुपए और डॉलर का जो भाव है आपस में वह कैसा रहता है क्योंकि कमजोर डॉलर हमें वहां जल्दी पहुंचने में मदद करेगा। जानकार मानते हैं कि चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने से भारत के आम लोगों को भी फायदा होगा। आर्थिक प्रगति से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा। स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार होगा। कंज्यूमर पावर भी बढ़ेगा। अब सवाल है कि क्या भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है? तो इसका जवाब है हां, जानकार मानते हैं कि यदि वर्तमान वृद्धि दर बनती रही तो 2028 तक भारत जर्मनी को पीछे छोड़ देगा। क्योंकि अब जो तीन अर्थव्यवस्थाएं हमें पार करनी है वो पुराने लोग हैं। वो वर्षों से स्थापित लोग हैं। चाहे जर्मनी है, चाहे चाइना है, चाहे यूएस है। और वो लोग कई ऐसे रास्ते निकालेंगे जिससे हम आगे ना बढ़ पाएं। हमारे फंडामेंटल्स सही हो। हम ईमानदारी के साथ अपने प्रयास करते रहें। सफलता हम लोगों को जरूर मिलेगी। आंकड़े बताते हैं कि पिछले 10 वर्षों में भारत की इकॉनमी 105% बढ़ी है। जबकि आजादी के बाद भारत को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में 60 साल लग गए। 2021 में भारत की अर्थव्यवस्था $3 ट्रिलियन की थी और अब सिर्फ 4 साल में यह अब $4000 अरब डॉलर की हो गई है जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। चीफ न्यूज़ नेशन। न्यूज़ नेशन अब WhatsApp पर। खबरों की ताजा अपडेट के लिए न्यूज़ नेशन के इस क्यूआर कोड को स्कैन

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भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थआ बन चुका है। अब अमेरिका, चीन औऱ जर्मनी ही भारत से आगे हैं। भारत ने जापान को पीछे छोड़ चौथा नंबर हासिल कर लिया है।
India has become the fourth largest economy in the world. Now only America, China and Germany are ahead of India. India has overtaken Japan and achieved the fourth position.

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18 Comments

  1. जब तक भारत में पॉलिटिक्स चलेगा ओर पॉलिटिक्स में ऐसे ऐसी पार्टी होंगी वो देश अब क्या कभी भी जापान तो क्या किसी भी देश की अर्थव्यवस्था नहीं बन सकता पॉलिटिक्स जब तक खत्म नहीं होगा भारत गरीब हो सकता पर डेवलेपमेंट नहीं हो सकता

  2. जो नेता हार जाता है उसको पेंशन मिलती हे पूरी जिंदगी हमारे देश का अरबों पैसा इन निखट्टू नेताओं के जेब में फ्री में जाता है भ्रष्टाचार अलग है कला पैसा अलग से कमाते है ये देश कभी भी विकसित नहीं हो सकता

  3. ये मेरा नहीं IMF का डाटा है

    अमेरिका——-₹75,89,604 सालाना
    चीन————₹11,65,993 सालाना
    जर्मनी———-₹47,61,920 सालाना
    भारत————₹2,45,293 सालाना
    जापान———₹ 28,92,413 सालाना
    भारत दुनिया की चौथी बड़ी इकोनॉमी तो है,
    लेकिन भारत प्रति व्यक्ति आय में 136 वें नंबर पर है