अमेरिकी F-35 कबाड़ भाड़ में जाये | US Air Force Cancels F-35 Order amid selling India | India AMCA

और कोई बेवकूफ ही होगा जो अमेरिका का F35 खरीदेगा दरअसल देखा जाए तो अमेरिका पिछले साल से ही भारत को अपना फिफ्थ जनरेशन वाला F35 फाइटर जेट बेचने के लिए हाथ धोकर पीछे पड़ चुका है और भारत तो कई बार इसे लेने के लिए विचार भी कर रहा था लेकिन जिस बात को अमेरिका छुपा रहा था कुछ नई रिपोर्ट्स में अब वह बात सामने आ चुकी है कि हाल ही में इजराइल ने ईरान के खिलाफ जिन F35 जेट का इस्तेमाल किया था उनमें से चार या पांच F35 फाइटर जेट को ईरान ने मार गिराया है हालांकि इस बात को ना तो इजराइल ने स्वीकार किया और ना ही अमेरिका गलती से भी इस बात को स्वीकार करेगा क्योंकि इससे उनका F-35 का मार्केट तो दुनिया भर में खराब होगा ही साथ ही उनकी वायु सेना की ताकत को भी कम आंका जाने लगेगा लेकिन कुछ नई रिपोर्टें निकल कर आ रही हैं जिससे आखिरकार यह बात सामने आ रही है कि ईरान सही था और उन्होंने जरूर F-35 मार गिराए थे क्योंकि हाल ही में अमेरिका का डिफेंस बजट पेश होने वाला है और उसके पहले ही अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप ने बजट अनाउंसमेंट में पहले ही कह दिया है कि उन्हें अपनी एयरफोर्स के लिए बहुत ही कम F35 फाइटर जेट चाहिए बल्कि जो सस्ते वाले ड्रोन और सस्ती वाली मिसाइलें हैं उन्हें अपनी वायुसेना के लिए ज्यादा से ज्यादा इनकरपोरेट करना चाहते हैं यही नहीं बल्कि मैं आपको बता दूं कि यूएस एयर फोर्स के लिए जो ऑनर्ड देखने और मैनेज करने वाली संस्था है पेंटागन उन्होंने पहले से ही F35 के ऑनर्ड को कम करना शुरू कर दिया है यानी कहीं ना कहीं इस बात की ओर इशारा करता है कि अब अमेरिका भी इस बात को मानने के लिए तैयार है कि इजराइल ईरान के युद्ध में F-35 मार गिराए गए हैं और जिस हिसाब से इसकी कीमत है उसमें अमेरिका और ज्यादा खर्चा नहीं करना चाहता यानी कि इससे साफ जाहिर है कि अमेरिका भारत को बेवकूफ बनाकर भारत के हाथों एक महंगा कबाड़ बेचना आगे बढ़ने से पहले इस वीडियो को एक लाइक करके चैनल को सब्सक्राइब जरूर कर लीजिए क्योंकि आपके लिए तो एक सेकंड का काम है लेकिन इससे हमारी काफी बड़ी मदद होती है दरअसल देखा जाए तो हाल ही में अमेरिका का डिफेंस बजट आने वाला है जिसमें जो टोटल एलोकेशन की मांग की गई है वह करीब 893 बिलियन है जो कि लगभग पिछले साल जितना ही है लेकिन ध्यान दिया जाए तो अमेरिका के डिफेंस बजट की जो रिक्वेस्ट की गई है वह एक फ्लैट रिक्वेस्ट है क्योंकि पहले के डिफेंस बजट की तरह ही इसमें कुछ फेरबदल करने की कोशिश की गई है क्योंकि ट्रंप की डिमांड है कि उनकी एयरफोर्स में काम करने वाली जो सेना है उनकी तनख्वाह बढ़ाई जाए और जो मिसाइलें हैं उनके ऊपर फोकस करने के साथ-साथ ड्रोन पर भी ज्यादा से ज्यादा फोकस किया जाए और यहां पर जो एक्स्ट्रा पैसा चाहिए उसको लाया जाएगा यूएस नेवी फोर्सेस में काम करने वाले लोगों की जॉब्स को कट करके और जो नेवी शिप्स खरीदी जाती हैं उनकी खरीद को कम करके इसी पैसे को अल्टीमेटली डायवर्ट कर दिया जाएगा एयरफोर्स की तरफ फिलहाल यहां पर भी जो सबसे ज्यादा सोचने वाली बात है वह यह है कि एयरफोर्स में ज्यादा से ज्यादा बजट लगाया तो जरूर जाएगा लेकिन हर साल जिस F35 जैसे फाइटर जेट पर ज्यादा पैसा लगाया जाता था वहां पर पैसा नहीं लगाया जाएगा और यह बात रिपोर्ट में भी साफ-साफ दिखाई जा रही है कि 893 बिलियन के बजट में ज्यादा से ज्यादा खर्च मिसाइल और ड्रोन पर किया जाएगा और बहुत ही कम खर्च F35 जैसे फाइटर जेट पर किया जाएगा लेकिन जब देखा जाए कि आखिरकार अमेरिका ऐसा क्यों कर रहा है क्या उनका भी भरोसा F35 से उठ गया है तो इसे समझने के लिए आप हमारी बातों पर ध्यान दीजिए देखिए पिछले साल हमने यह देखा था कि जब अमेरिका में बाइडन की सरकार थी तो उन्होंने अपनी एयरफोर्स के लिए 68 F35 की रिक्वेस्ट की थी लेकिन इस बार ट्रंप की सरकार ने केवल 47 F35 फाइटर जेट ही खरीदने की रिक्वेस्ट की है खैर ऐसा भी ना उसमें काम करने वाली जो फाइव फाइटर जेट की आवश्यकता है यानी कि ट्रंप ने यहां पर सीधा-सीधा 22 फाइटर जेट्स को कम कर दिया है जिससे फिर वही सवाल सामने आता है कि अमेरिका जिसे दुनिया का सबसे शक्तिशाली फाइटर जेट मानता है और जिसे भारत के हाथों बेचने के लिए भारत को लुभा रहा था अचानक उसके ऊपर से डिपेंडेंसी क्यों कम कर रहा है तो उसके लिए तो आपको बता दें कि पहली बात तो इसकी जो लागत है वह अमेरिका को बहुत ज्यादा महंगी पड़ रही है लेकिन अमेरिका के लिए यह बात भी इतनी ज्यादा मायने नहीं रखती थी क्योंकि वह पहले से जानता था कि यह उनके लिए कॉस्टली है फिर भी वह लगातार इसे अपनी एयरफोर्स में शामिल कर रहा था इसलिए जहां तक एक्सपर्ट्स को लगता है उस हिसाब से इसका मुख्य कारण यह है कि अमेरिका को भी अब यह बात समझ में आ चुकी है कि F35 ऐसा फाइटर जेट नहीं रहा जिसे डिस्ट्रॉय नहीं किया जा सकता बल्कि इसे भी मार गिराना मुमकिन है यहां तक कि हाल ही में ईरान पर इजराइल द्वारा किए गए हमले में ईरान ने ऑफिशियली दावा किया था कि उन्होंने चार से पांच एनएस क्योंकि इससे उनका F35 का मार्केट मिट्टी में मिल सकता है पेंटागन ने तो F35 के आर्डर में कटौती करने का फैसला इसीलिए लिया क्योंकि इस स्टील जेट को यह बात सामने आई और एलन मस्क ने तो इस F35 को कबाड़ तक कह दिया था और यह कितना घटिया फाइटर जेट है इसका इससे बड़ा उदाहरण देखना है तो आप खुद देख लीजिए कि यूके का फाइटर जेट लगभग दो हफ्ते से भारत में पड़ा है और अब तो वह उड़कर जाने लायक भी नहीं है और यहीं पर जो सबसे बड़ा सवाल है वह यह है कि जब अमेरिका खुद अपनी एयरफोर्स में इन F-35 को शामिल नहीं करना चाहता है तो वह आखिरकार भारत को क्यों बेच रहा है सुनने में बहुत अजीब लगता है लेकिन यह कहने में दो बार सोचने की जरूरत नहीं है कि यह कहीं ना कहीं अमेरिका की चाल है वैसे ट्रंप से पूछें तो अमेरिका यही कहेगा कि हम नहीं चाहते कि भारत केवल रूस पर डिपेंड रहे इसीलिए हम आपको F35 दे रहे हैं और दूसरी बाही है जो इसके इस्तेमाल से आप मजबूत कर सकते हैं और चीन के लिए एक काउंटर के रूप में इसे तैनात कर सकते हैं लेकिन देखा जाए तो इसमें भी इनका इकोनॉमिक एंगल छिपा हुआ है दरअसल डोनाल्ड ट्रंप प्रेसिडेंट कम और बिजनेसमैन ज्यादा बेचकर वह इससे अपनी डिफेंस इंडस्ट्री को बढ़ाएं और इकोनमी को बूम कर पाएं क्योंकि एक फाइटर जेट की कीमत 110 मिलियन डॉलर से ज्यादा है और जो कूटनीति यह भारत के साथ आज लगा रहे हैं यही कूटनीति यह पिछले कई दशकों से लगाते आए हैं यही कारण है कि आज अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी है फिलहाल मायने साफ हैं कि अमेरिका अपने लेवल पर कुछ भी करे लेकिन भारत को अमेरिका के इस ऑफर पर दोबारा से सोचने की जरूरत है और विशेष रूप से जिस तरीके से अलग-अलग जगहों पर युद्ध चल रहे हैं इससे हमें सीखने ने

अमेरिकी F-35 कबाड़ भाड़ में जाये | US Air Force Cancels F-35 Order amid selling India | India AMCA

🔴 Even the US Air Force is backing off from its own F-35!
Has the F-35 become more of a burden than a breakthrough? And has India played the smartest move by pushing forward with AMCA?

In this video, we cover:
🇺🇸 Why did the US Air Force cancel F-35 orders?
🇮🇳 What does this mean for India’s defense future?
🛩️ AMCA vs F-35 – Who truly leads the future of air combat?
💣 Is the US trying to offload its F-35s to India?
🔥 Why India must now double down on self-reliant defense tech?

Stay tuned till the end for the full analysis of this major global shift in military strategy!

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